जिले की पहली आदर्श गौशाला का राज्यमंत्री राठखेड़ा ने परिच्छा में किया शिलान्यास

शिवपुरी -  राज्य में गौ संरक्षण की दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है। इसी दिशा में पोहरी विधानसभा के ग्राम परिच्छा में जिले की पहली आदर्श गौशाला का रविवार को राज्यमंत्री सुरेश धाकड़ राठखेड़ा द्वारा शिलान्यास किया गया। 1 करोड़ 49 लाख 45 हजार रुपए की लागत से निर्मित होने वाली आदर्श गौशाला का निर्माण एक हजार गौवंश की क्षमता के साथ 6 बीघा जमीन पर किया जाएगा।
शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यमंत्री श्री राठखेड़ा ने कहा कि गाय को सनातन परंपरा में माता का दर्जा दिया गया है। वर्तमान दौर में जो सच्चे गौपालक व सेवक है वे पॉलिथीन और प्लास्टिक का बहिष्कार करें क्योंकि जो भी हम खाने पीने की वस्तुएं प्लास्टिक की थैली में फेंकते हैं उसे वह प्लास्टिक की थैली समेत निगल लेती है। उन्होंने कहा कि मृत पशुओं में गौवंश की हालत देखी नहीं जा सकती क्योंकि अधिकांश गौवंश के मरने का कारण पॉलीथिन व प्लास्टिक होता है। दु:ख इस बात का भी होता है कि लोग गाय को आवारा भटकने के लिए बाजारों में छोड़ देते है। उन्हें इनके भूख प्यास की कोई चिंता ही नहीं होती, लेकिन प्रदेश सरकार को गायों की चिंता है क्योंकि गौ रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है। मप्र के लोकप्रिय मुख्यमंत्री गांव-गांव गौशाला बनवाकर गौ संरक्षण की दिशा में काम कर रहे हैं। मेरे द्वारा मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और सांसद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी से निवेदन किया और मेरे निवेदन के स्वीकारते हुए पोहरी विधानसभा को जिले की पहली आदर्श गौशाला की सौगात प्राप्त हुई।
राज्यमंत्री श्री राठखेड़ा ने कहा कि इस गौशाला में रहने वाले गोवंश के लिए 24 बीघा में अलग से चारा उगाया जाएगा, साथ ही यहां पर पानी के लिए हौदी सहित अन्य व्यवस्थाएं की जाएंगी जिसके लिए अलग से 50 लाख रुपए बजट रहेगा। जल्द ही इस आदर्श गौशाला का निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा।

परिच्छा को मिलेगी टमाटर सॉस फैक्ट्री की सौगात, राज्यमंत्री ने मंच से की घोषणा
राज्यमंत्री श्री राठखेड़ा ने मंच से घोषणा करते हुए कहा कि किसान भाई जिले में सबसे ज्यादा उत्पादन टमाटर का करते हैं और इसे बाहर ले जाने के कारण किसान भाईयों को नुकसान उठाना पड़ता है इसलिए परिच्छा में टमाटर सॉस की फैक्ट्री लगेगी। मेरे द्वारा मुख्यमंत्री जी और सांसद श्री सिंधिया से निवेदन किया गया और उनके प्रयासों से किसान भाईयों के लिए यह सौगात मिलेगी। फैक्ट्री लगने के बाद टमाटर की फसल को बाहर ले जाने की जरूरत नहीं होगी सभी यहीं पर बेच सकेंगे जिससे खराब होने की भी गुंजाइश नहीं रहेगी।