अत्यावश्यक सेवाओं को छोड़कर शेष कार्यालयों में 10 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति के निर्देश
शिवपुरी - कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री अक्षय कुमार सिंह ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए कोविड-19 महामारी संक्रमण में निरंतर हो रही बढ़ोत्तरी को दृष्टिगत रखते हुए कोरोना संक्रमण से रोकथाम एवं बचाव के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। जिसके तहत केन्द्र सरकार के ऐसे कार्यालय, जो अत्यावश्यक सेवाएं प्रदान नहीं करते हैं, वह 10 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ कार्यालय चलायें।
जारी आदेश के तहत अत्यावश्यक सेवाएं देने का कार्य करने वाले कार्यालयों को छोड़कर शेष कार्यालय 10 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ संचालित किये जावें। अत्यावश्यक सेवाओं में जिला कलेक्ट्रेट, पुलिस, आपदा प्रबंधन, फायर, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, जेल, राजस्व पेयजल आपूर्ति, नगरीय प्रशासन, ग्रामीण विकास, विद्युत प्रदाय सार्वजनिक परिवहन, कोषालय आदि सम्मिलित हैं। जनसंपर्क कार्यालय शत-प्रतिशत क्षमता के साथ कार्य संपादित कर सकेंगे। आईटी कम्पनियों, बीपीओ, मोबाईल कंपनियों का सपोर्ट स्टॉफ एवं यूनिट्स को छोड़कर शेष निजी कार्यालय भी 10 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ अपना कार्य संपादित करेंगे। उक्त कार्यों में जो कर्मचारी कार्यालय नहीं आते हैं वे घर पर रहकर कार्यालय का कार्य संपादित करेंगे। ऑटो, ई-रिक्शा में दो सवारी, टैक्सी तथा निजी चार पहिया वाहनों में ड्रायवर तथा दो पैसेजरों को (मास्क के साथ) यात्रा करने की अनुमति होगी। सामाजिक (विवाह समारोह एवं अन्य मांगलिक कार्यक्रम, मृत्युभोज, उठावनी आदि), राजनैतिक, खेलकूद, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, सार्वजनिक तथा धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजनों के लिए लोगों का एकत्रित होना पूर्णतः वर्जित रहेगा।
यदि कोई व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है तो उसके विरुद्ध भारतीय दंड विधान 1860 की धारा 188 एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 के अंतर्गत एवं महामारी अधिनियम 1897 तथा अन्य सुसंगत अधिनियमों के तहत दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।
जारी आदेश के तहत अत्यावश्यक सेवाएं देने का कार्य करने वाले कार्यालयों को छोड़कर शेष कार्यालय 10 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ संचालित किये जावें। अत्यावश्यक सेवाओं में जिला कलेक्ट्रेट, पुलिस, आपदा प्रबंधन, फायर, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, जेल, राजस्व पेयजल आपूर्ति, नगरीय प्रशासन, ग्रामीण विकास, विद्युत प्रदाय सार्वजनिक परिवहन, कोषालय आदि सम्मिलित हैं। जनसंपर्क कार्यालय शत-प्रतिशत क्षमता के साथ कार्य संपादित कर सकेंगे। आईटी कम्पनियों, बीपीओ, मोबाईल कंपनियों का सपोर्ट स्टॉफ एवं यूनिट्स को छोड़कर शेष निजी कार्यालय भी 10 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ अपना कार्य संपादित करेंगे। उक्त कार्यों में जो कर्मचारी कार्यालय नहीं आते हैं वे घर पर रहकर कार्यालय का कार्य संपादित करेंगे। ऑटो, ई-रिक्शा में दो सवारी, टैक्सी तथा निजी चार पहिया वाहनों में ड्रायवर तथा दो पैसेजरों को (मास्क के साथ) यात्रा करने की अनुमति होगी। सामाजिक (विवाह समारोह एवं अन्य मांगलिक कार्यक्रम, मृत्युभोज, उठावनी आदि), राजनैतिक, खेलकूद, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, सार्वजनिक तथा धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजनों के लिए लोगों का एकत्रित होना पूर्णतः वर्जित रहेगा।
यदि कोई व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है तो उसके विरुद्ध भारतीय दंड विधान 1860 की धारा 188 एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 के अंतर्गत एवं महामारी अधिनियम 1897 तथा अन्य सुसंगत अधिनियमों के तहत दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।
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