शिवपुरी में फर्जी भर्ती का मामला: आईटीबीपी में नौकरी पाने वाला युवक पकड़ाया


शिवपुरी: मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में एक दिलचस्प और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक युवक ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए इंडियन-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) में नौकरी प्राप्त की। मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब जांच के दौरान असली व्यक्ति गांव में बकरी चराते हुए मिला।

कोलारस तहसील के चकरा गांव का निवासी, हरीसिंह आदिवासी नाम के असली व्यक्ति ने कहा कि वह 9 साल पहले आलू खोदने के सिलसिले में आगरा गया था। वहाँ उसकी मुलाकात भूरा गुर्जर नाम के युवक से हुई, जिसने उसे 10 बीघा जमीन का लालच देकर उसकी 8वीं की अंकसूची, जाति प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र छीन लिए। भूरा गुर्जर ने इन दस्तावेजों का इस्तेमाल करके खुद को आदिवासी दिखाते हुए आईटीबीपी में भर्ती हो गया।

भूरा गुर्जर ने न केवल खुद को आदिवासी बताकर नौकरी हासिल की, बल्कि उसने अपने माता-पिता, पत्नी और दादा के आधार कार्ड में भी असली हरीसिंह के नाम पर जालसाजी की। जांच में ये भी सामने आया कि असली और नकली हरीसिंह के आधार नंबर अलग थे, लेकिन नाम और पता एक जैसा था। इस फर्जीवाड़े के कारण सरकारी नौकरी पाने के लिए नियमों और कानूनों का उल्लंघन किया गया है।

इस मामले की जानकारी मिलने के बाद, शिवपुरी के एसडीएम अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि आईटीबीपी को इस मामले की जानकारी दे दी गई है और जल्द ही इस स्थिति पर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, भूरा गुर्जर की गिरफ्तारी की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। फिलहाल, वह असम के सोनितपुर जिले में आईटीबीपी की 54वीं वाहिनी में तैनात है।

इस घटना ने सरकारी नौकरी में पारदर्शिता की आवश्यकता पर सवाल उठाए हैं और इस बात की भी पुष्टि की है कि अतीत में गड़बड़ियों की भरपाई चाहते लोगों को इस तरह की धोखाधड़ी करने से कोई परहेज नहीं है। जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी और भविष्य में सुनिश्चित किया जाएगा कि इस प्रकार के फर्जीवाड़े को रोका जा सके।