शासकीय महाविद्यालय करैरा की भूमि से 3 करोड़ की जमीन से अतिक्रमण हटाया गया

शिवपुरी - अनुविभागीय अधिकारी करेरा के आदेश के पालन में न्यायालय तहसीलदार द्वारा अतिक्रमण को चिन्हित किए जाने के लिए 10 सदस्यीय सीमांकन दल गठित किया गया था। सीमांकन दल द्वारा कस्बा करेरा तहसील करेरा स्थित शासकीय महाविद्यालय भूमि सर्वे नंबर 1996, 1997, 2033/3, 2034 पर किए गए अतिक्रमण को चिन्हांकित किया गया। उसके अनुसार राजू पुत्र विष्णु चरण शर्मा, प्रदीप, श्याम कुमार पुत्र राम किशोर गुप्ता, सचिन सोनी पुत्र राम अवतार, देवेंद्र जैन पुत्र ज्ञानचंद जैन, संतोष पुत्र रघुवर जाटव, कोमल पुत्र भैया लाल साहू, आनंद पुत्र रघुनंदन शर्मा, धर्म चंद पुत्र बाबूलाल जैन, बलवीर पुत्र भाव सिंह पाल, रामबिलोकी राय पुत्र सिद्धि राय, राजू पुत्र सुरेश खटीक, रामलाल पुत्र सीताराम एवं संजीव श्रीवास्तव पुत्र शिवस्वरूप के अतिक्रमण चिन्हांकित किए गए।  
प्रशासन की टीम ने नगर पंचायत की जेसीबी मशीन द्वारा अतिक्रमण तोड़े। उक्त अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान अनुविभागीय अधिकारी करेरा अंकुर रवि गुप्ता, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस जीडी शर्मा, तहसीलदार जी एस बैरवा, नगर निरीक्षक अमित सिंह भदोरिया, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, पटवारी, नगर पंचायत का संपूर्ण अमले की उपस्थिति में अतिक्रमण तोड़ा गया।
इससे पहले मध्य प्रदेश भू राजस्व संहिता 1959 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर अतिक्रमणकर्ताओं को सूचना पत्र जारी कर अतिक्रमणकर्ताओं से जवाब लिए गए थे। उक्त प्रकरण में न्यायालय तहसीलदार ने आदेशित किया कि कस्बा करेरा शासन की शासकीय महाविद्यालय की बेशकीमती भूमि सर्वे नंबर 1996, 1997, 2033/3,2034 पर अतिक्रमण कर्ताओं द्वारा अतिक्रमण करना एक गंभीर मामला है। जिससे महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं एवं अन्य नागरिकों के अधिकार भी प्रभावित होते हैं। अतिक्रमण करने वालों पर अर्थदंड आरोपित कर भूमि से बेदखल किए जाने के आदेश किए गए थे। परंतु  उक्त अतिक्रमण कर्ताओं द्वारा समय अवधि निकल जाने के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाया गया। इसके उपरांत प्रशासन ने आज दल बल के साथ पहुंचकर अतिक्रमण हटाए।उल्लेखनीय है कि महाविद्यालय की बाउंड्री के बाहर लगभग 40 फुट तक शासकीय भूमि निकली है जो लगभग 20000 वर्ग फुट अतिक्रमण फोर लाइन फ्रंट में था। यह भूमि ही लगभग 2 करोड रुपए की थी, जिसे आज पूरी तरह से जमींदोज किया गया। प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाये गए स्थान पर फैंसिंग कर जल्दी ही बृक्षारोपण भी किया जाएगा, जिससे शासकीय भूमि हमेशा के लिए सुरक्षित हो सके।