नगरपालिका के वार्ड आरक्षण को लेकर विवाद गहराया

शिवपुरी। शिवपुरी नगर पालिका परिषद और अन्य नगरीय निकायों के लिए वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया विवादों में घिर गई है। कारण यह है कि नए परिसीमन के बिना आरक्षण पर सत्ताधारी कांग्रेस ने ही सवाल उठा दिए हैं। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि नया परिसीमन होता तो दावे.आपत्ति और लोगों के सुझाव सामने आते लेकिन बिना नए परिसीमन के ही वार्ड आरक्षण करा दिए गए। कांग्रेस के कुछ नेताओं ने इस मामले में कलेक्टर से नया परिसीमन कराए जाने की मांग की है।
कांग्रेस के प्रदेश महासचिव हरवीर रघुवंशी ने कलेक्टर शिवपुरी से नए परिसीमन की मांग की है। कांग्रेस नेता हरवीर रघुवंशी का कहना है कि इससे लोगों को अपनी बात रखने का मौका मिल सकेगा। कांग्रेस की इस मांग के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि शिवपुरी नगर पालिका क्षेत्र के लिए गुरुवार को कलेक्टर कार्यालय में हुई वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया निरस्त हो सकती है और अब नए सिरे से आरक्षण की प्रक्रिया को परिसीमन के बाद अपनाया जा सकता है। भोपाल से आए नगरीय प्रशासन विभाग के उप सचिव राजीव निगम के एक पत्र के बाद यह स्थिति निर्मित हुई है जिसमें नए परिसीमन के बाद ही वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया अपनाने की बात कही गई है। कुल मिलाकर अब इस मामले में कलेक्टर को स्थिति स्पष्ट करना है। गौरतलब है कि शिवपुरी नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2015 के परिसीमन के आधार पर इस बार भी वार्ड आरक्षण कराया गया है। इस साल नगर पालिका ने नए सिरे से परिसीमन नहीं कराया है इसी को लेकर विवाद है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि कांग्रेस के कुछ खास नेताओं के वार्ड नए सिरे से आरक्षित हो जाने के कारण उनकी दावेदारी लटक गई है और यह कांग्रेस नेता आरक्षण प्रक्रिया को विवादों में डालकर नए सिरे से आरक्षण कराना चाहते हैं जिससे उनकी दावेदारी उनके वार्ड में बनी रहेए इसलिए कांग्रेसी नेता इस प्रक्रिया को विवादित करने में लगे हैं।