ओबीसी के अधिकारों के हनन को लेकर होगा मुख्यमंत्री आवास का घेराव

शिवपुरी-ओबीसी महासभा के अधिकारों का हनन होने पर ही आगामी 28 जुलाई को संपूर्ण प्रदेश भर के ओबीसी एकत्रित होकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निवास का घेराव करेंगें और वर्तमान समय में मांग अनुरूप 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग की जाएगी जो कि वर्तमान में केवल 14 प्रतिशत ही आरक्षण दिया जा रहा है इसके अलावा नीट में 0 प्रतिशत आरक्षण व शिक्षक भर्ती, एपीपीएससी, एनएचआरएम भर्ती में भी आरक्षण के अधिकारों पर कुठाराघात किया है यह ओबीसी महासभा बर्दाश्त नहीं करेगी और अपनी इन्हीं मांगों को लेकर भोपाल में वृहद स्तर पर यह प्रदर्शन होगा जिसमें हजारों की संख्या में ओबीसी भोपाल के इस प्रदर्शन में भाग लेंगें। यह जानकारी दी ओबीसी महासभा मजिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष श्रीमती सीमा शिवहरे ने जिनके साथ मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश धाकड़, जिला अध्यक्ष प्रकाश रावत, जिला अध्यक्ष एड.रामस्वरूप बघेल ओबीसी यूनाइटेड फ्रंट, युवा जिला अध्यक्ष हेमंत यादव, प्रदेश उपाध्यक्ष युवा मोर्चा गिर्राज सिंह दुल्हारा मौजूद रहे सभी ने एक राय होकर ओबीसी के अधिकारों की मांग मध्यप्रदेश सरकार से की है। इस दौरान इन संगठन पदाधिकारियों ने बताया कि ईडब्ल्यूएस में 10 प्रतिशत के हिसाब से नौकरी दी जा रही है जबकि ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण होने के बाद भी इसे ईडब्ल्यूएस में लागू नहीं किया जा रहा, यह भेदभावपूर्ण नीति है। हम इसका विरोध करते है। इस दौरान संभाग उपाध्यक्ष होतम बघेल, संभागीय सचिव अनिल कुशवाह, कुबेर धाकड़, छात्र मोर्चा कोषाध्यक्ष अरविंद कुशवाह, युवा मोर्चा उपाध्यक्ष भवर सिंह धाकड़, कोषाध्यक्ष अमरचंद धाकड़, जनक सिंह  रावत, राजेंद्र धाकड़ पोहरी एवं ओबीसी महासभा अन्य पदाधिकारी सदस्य उपस्थित थे।  
इन 11 सूत्रीय मांगों को लेकर होगा प्रदर्शन
राष्ट्रीय सचिव ओबीसी इंजी.दिनेश कुमार ने बताया कि ओबीसी महासभा(रजि) द्वारा मध्यप्रदेश के भोपाल में पिछड़ा वर्ग के साथ हुए अन्याय के विरोध में 11 सूत्रीय मांगों को लेकर 28 जुलाई 2021 को आंदोलन किया जा रहा है। जिसमें केंद्र सरकार द्वारा नीट प्रवेश परीक्षा में केंद्र द्वारा भरी जाने वाली राज्य कोटे की सीट में ओबीसी आरक्षण नही लागू करने को लेकर, जनसंख्या के अनुपात में ओबीसी आरक्षण 51 प्रतिशत लागू न करने के विरोध में, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट द्वारा 27प्रतिशत आरक्षण को लागू नही कर 13प्रतिशत आरक्षण रिजर्व किये जाने के विरोध में, एपीपीएससी/शिक्षक पात्रता भर्ती एवं अन्य परीक्षाओं में ओबीसी वर्ग को 27प्रतिशत आरक्षण न देने के विरोध में, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की सीएचओ भर्ती में 27 प्रतिशत की जगह 6 प्रतिशत आरक्षण देने विरोध में, भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग ओबीसी को प्रत्येक स्तर पर (प्रदेश से लेकर गांव एवं सड़क से लेकर सदन तक)तक जनसंख्या के  अनुपात में प्रतिनिधित्व (हिस्सेदारी) न देने के विरोध मे, ओबीसी वर्ग में लागू असंवैधानिक क्रीमीलेयर बाध्यता सीमा को नही बढ़ाने के विरोध में, ओबीसी वर्ग के छात्रों की छात्रवृति राशि कम करने के विरोध में, विभिन्न उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय द्वारा आरक्षित वर्ग के लोगो के विरुद्ध दिए जाने वाले निर्णयो के विरुद्ध और न्यायपालिका में आरक्षण की मांग को लेकर, निजी क्षेत्रों मे आरक्षण लागू किये जाने के सम्बंध मे, म.प्र.आरक्षण नियमो को संविधान की 9 वी अनुसूची में डालने के लिए ओबीसी महासभा मुख्यमंत्री जी मांग करती है।