उप चुनाव के बाद भी क्षेत्रों में लोगों के बीच पहुंच रहे है प्रत्याशी

चुनाव संपन्न होने के बाद अब मतगणना पर टिकी सभी की निगाहें, 10 नवम्बर को होनी है मतगणना
शिवपुरी-मध्यप्रदेश विधानसभा उप चुनाव में प्रदेश की 28 सीटों के लिए 3 नवम्बर को बड़ी संख्या में मतदान संपन्न हुआ और करीब 67 प्रतिशत मतदान पूरे प्रदेश की इन सभी सीटों पर हुआ। इसमें भी जिला शिवपुरी की विधानसभा सीट करैरा और पोहरी में भी मतदाताओं ने रूचि दिखाई और करीब दोपहर के समय तक ही 50 फीसदी मतदान प्रक्रिया हो चुकी थी और शेष प्रक्रिया देर सायं 6 बजे तक निर्धारित समय के अंतराल में हुई है। यहां करैरा में 73 प्रतिशत जबकि पोहरी विधानसभा में 75 प्रतिशत मतदान हुआ है। इसके बाद भी प्रत्याशी घर नहीं बैठे बल्कि चुनाव के बाद भी अपने-आपने क्षेत्रों में लोगों के बीच पहुंचकर उनसे क्षेत्र के विकास को लेकर चर्चाऐं कर रहे है। करैरा विधानसभा में जहां मुख्य मुकाबला भाजपा-कांग्रेस के बीच भाजपा से जसवंत जाटव-कांग्रेस से प्रागीलाल जाटव आमने-सामने है तो दूसरी ओर पोहरी विधानसभा में मुकाला त्रिकोणीय भाजपा से सुरेश रांठखेड़ा, कांग्रेस से हरिल्लभ शुक्ला और बहुजन समाज पार्टी से कैलाश कुशवाह के आसार थे लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी पारम सिंह के चुनाव मैदान में आने से यह चतुष्कोणीय मुकाला हो गया और इसके कई मायने अब निकलने वाले चुनाव परिणाम के बाद सामने आऐंगें। फिलहाल अब सभी की निगाहें आने वाली 10 नवम्बर पर टिकी है जब मतपेटियां अपने-अपने मत के प्रत्याशियों के लिए परिणाम उगलेंगी और देखना होगा कि कौन दीपावली मनाएगा या कोई दीवाला हो जाएगा फिलवक्त यह सब कहना उचित नहीं है।
चुनावी थकान के बाद घर पर मिल रहे है बसपा प्रत्याशी
विधानसभा उप चुनाव में जब मतदान प्रक्रिया पूरी तरह से संपन्न हो गई तो अब जिला मुख्यालय पर ही बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी कैलाश कुशवाह अपने कार्यकर्ताओं व समर्थकों से मिल रहे है हालांकि वह आवश्यकता पडऩे पर विधानसभा क्षेत्र में पहुंचकर भी लोगों के बीच उनकी कुशलक्षेम पूछ रहे है और उनके हर सुख-दु:ख में शामिल होने का भरोसा दिलाते है। अपने इसी सरल, सहज और मृदुभाषी व्यवहार के चलते वह इस बार फिर से उप चुनाव में बहुजन समाज पार्टी की ओर से चुनाव में प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े और कैलाश कुशवाह का मानना है कि इस बार का चुनाव उन्होंने नहीं बल्कि पोहरी की जनता से चुनाव लड़ा है साथ ही आने वाली 10 नवम्बर के निकलने वाले परिणाम से वह आशान्वित है कि जनता ने उन्हें मत प्रदान किया है और अब परिणाम जब सामने आएगा तो सभी के सामने होगा।
क्षेत्र में पहुंचकर लोगों से मिल रहे भाजपा-कांग्रेस प्रत्याशी
पोहरी विधानसभा से ही भाजपा प्रत्याशी सुरेश रांठखेड़ा और कांग्रेस प्रत्याशी हरिबल्लभ शुक्ला भले ही उप चुनाव संपन्न हो गया हो बाबजूद इसके वह क्षेत्र के लोगों से सतत संपर्क बनाए हुए है। अपने रोजमर्रा के काम खत्म करने के बाद अपने एजेंटों और कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर वह क्षेत्र का फीडबैक ले रहे है और आने वाली 10 नवम्बर को होने वाली मतगणना के प्रति दोनों ही प्रमुख दल के प्रत्याशी आश्वस्त है और दोनों ही यह कह रहे है कि हमारा मुकाबला भाजपा-कांग्रेस से नहीं बल्कि बहुजन समाज पार्टी है ऐसे में इस तरह से यह मुकाबला त्रिकोणीय के रूप में पूरे क्षेत्र में चर्चा का वायस बना रहा। इसके बाद भी पोहरी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बूड़दा के ग्रामीणाों ने दोनों ही प्रमुख दलों सहित तीसरे और निर्दलीय को सिरे से नकार दिया और किसी भी तरह से मतदान प्रक्रिया में भाग नहीं लिया और अपनी मांगों को लेकर मतदान का बहिष्कार तक कर डाला। जबकि कलेक्टर-एसपी समझाने भी गए बाबजूद इसके ग्रामीण नहीं माने और मतदान में शामिल नहीं हुए।
थकान मिटाने नहीं क्षेत्रवासियों के बीच सतत संपर्क में है निर्दलीय प्रत्याशी
पोहरी विधानसभा उप चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबले को चतुष्कोणीय में बदलाव करने वाले निर्दलीय प्रत्याशी पारम सिंह रावत का कहना है कि वह कोई थकान महसूस नहीं करते बल्कि वह तो क्षेत्रवासियों के लिए है और पोहरी विधानसभा का हरेक वह मतदाता जिसने मतदान किया है उसके लिए वह सदैव तत्पर है और आज भी अपनी थकान मिटाने के बजाए वह क्षेत्रवासियों से ही सतत संपर्क में बने हुए है। बैराढ़ मे ंखोले गए चुनावी कार्यालय पर आज भी लोगों की आवाजाही बनी हुई है और क्षेत्रवासिों के बीच स्वयं पारम सिंह रावत पहुंचकर उनके सुख-दु:ख में शामिल होकर अपनत्व का भाव निभा रहे है। ऐसे में पोहरी विधानसभा के इस चुनाव में यदि पोहरी के चुनाव को रोचक बनाया है तो उसमें पारम सिंह रावत का भी प्रमुखता से शामिल है। इसके अलावा एड.विनोद धाकड़ ने भी राष्ट्रीय वंचित पार्टी से चुनाव लड़ा है और वह आशान्वित है कि क्षेत्रवासियों ने उन्हें अपना सहयोग दिया है और वह आने वाली 10 नवम्बर को होने वाली मतगणना के बाद ही कुछ कहेंगें।