बलारपुर के विस्थापितों को नहीं मिला विस्थापन का लाभ, कलेक्टे्रट में दिया धरना

शिवपुरी- बलारपुर के जंगलों में निवासरत 100 परिवारों को नया बलारपुर में विस्थापन का लाभ नहीं दिया गया और अपने इस अधिकार को प्राप्त करने के लिए मंगलवार को कलेक्टे्रट परिसर का घेराव किया और मांगें पूर्ण नहीं होने को लेकर उचित आश्वासन नहीं मिला जिस पर ग्रामीणजनों ने विधिक सेवा में कार्यरत अभय जैन के निर्देशन में कलेक्ट्रेट परिसर में धरना दिया।
जनसुनवाई में पहुंचे इन ग्रामीाण्जनों ने बताया कि बलारपुर के 100 परिवारों को नया बलारपुर का नाम देकर विस्थापित किया गया था और नया बलारपुर में खेती योग्य के लिए 2-2 हेक्टेयर भूमि भी प्रदाय की गई थी लेकिन नया बलारपुर में कोई भी ना कोई तालाब और ना ही पानी की कोई व्यवस्था है ऐसे में इन विस्थापितों को कोई रोजगार का साधन भी नहीं है इससे यह सभी ग्रामीणजन विस्थापन का लाभ नहीं ले पा रहे है इसके साथ ही तहसीलदार द्वारा पुर्नवास नीति के तहत इन्हें विस्थापित नहीं मान रहे है उनका कहना है कि 18 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति को भी विस्थापित नहीं माना जा रहा है जबकि वर्ष 2000 में इनहें ग्राम बलारपुर से विस्थापित माना गया था और आज 20 वर्षों बीतने को है लेकिन सुविधाओं के नाम पर अभी भी ग्रामीणजनों को कोई लाभ नहीं मिला और जब विस्थापन संबंधी अपनी मांगों का हक इन आदिवासी परिवारों को नहीं मिला तो वह मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई में अपनी शिकायत लेकर पहुंचे और अपने अधिकार को मांगा जिस पर उचित आश्श्वासन ना मिलने पर ग्रामीणजनों की इस समस्या को लेकर विधिक सेवा में कार्यरत अभय जैन द्वारा इनकी मांगों का समर्थन किया गया और कलेक्टे्रट परिसर में ही धरना दे दिया गया। हालांकि इन 100 परिवारों में से 61 परिवारों को विस्थापन का लाभ दिया गया जबकि शेष 49 परिवार आज भी विस्थापन की लंबित मांगों को लेकर आज भी अपना अधिकार मांग रहे है। इस मामले में वर्ष 2015 में मानव अधिकारी आयोग ने भी मामले को संज्ञान में लिया है बाबजूद इसके  अब तक यह न्याय के लिए अपना अधिकार मांग ही रहे है।