MP वाले चुकाते हैं देश भर में पेट्रोल-डीजल पर सबसे ज्यादा टैक्स
अगर आप मध्य प्रदेश में रहते हैं तो फिर पेट्रोलियम उत्पादों पर पूरे देश की तुलना में सबसे ज्यादा टैक्स चुकाते हैं। इसकी वजह से राज्य में पेट्रोल और डीजल सबसे महंगा है, जिससे अन्य राज्यों के सीमावर्ती जिलों में इनकी बिक्री पर असर देखने को मिल रहा है।
नहीं कम होगा टैक्स
मध्य प्रदेश में इन पर किसी तरह से टैक्स में कोई कमी नहीं की जाएगी। प्रदेश के वाणिज्यिक कर मंत्री ब्रजेंद्रसिंह राठौर ने साफ कहा कि कर्ज को चुकाने के लिए सरकार को यह कदम उठाना पड़ा है। इसलिए लोगों को पेट्रोल-डीजल खरीदने पर ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी। मंत्री का कहना है कि बीती सरकार ने प्रदेश को ऐसी स्थिति में लाकर छोड़ा था, जहां से टैक्स में कमी करने की गुंजाइश ही नहीं है। हालांकि राज्य ईंधन को जीएसटी के दायरे में लाने का समर्थन भी कर रहा है।
इतना टैक्स चुकाते हैं प्रदेश वासी
राज्य के लोग पेट्रोल पर 28 फीसदी वैट, एक फीसदी सेस और 3.50 रुपये प्रति लीटर सरचार्ज देते हैं। इससे अन्य राज्यों के मुकाबले पेट्रोल की कीमत पांच रुपये प्रति लीटर से ज्यादा बढ़ जाती है। वहीं डीजल पर 18 फीसदी वैट, एक फीसदी सेस और दो रुपये प्रति लीटर सरचार्ज लगता है। इससे डीजल की कीमत अन्य राज्यों के मुकाबले 3.50 रुपये प्रति लीटर ज्यादा हो जाती है।
दिल्ली और भोपाल की कीमत में अंतर
दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 13 सितंबर को 71.89 रुपये प्रति लीटर है। वहीं भोपाल में इसकी कीमत 77.09 रुपये प्रति लीटर है। अगर डीजल की बात करें तो दिल्ली में इसकी कीमत 65.28 रुपये प्रति लीटर है। वहीं भोपाल में डीजल 68.65 रुपये प्रति लीटर है।
सीमावर्ती जिलों में असर
राज्य की सीमा उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ जैसे राज्यों से लगती है। इन राज्यों की सीमा से लगने वाले जिलों में पेट्रोल, डीजल की बिक्री में कमी हो गई है, क्योंकि यहां के निवासी इन राज्यों में जाकर के अपनी गाड़ियों की टंकी फुल करा लेते हैं।
नहीं कम होगा टैक्स
मध्य प्रदेश में इन पर किसी तरह से टैक्स में कोई कमी नहीं की जाएगी। प्रदेश के वाणिज्यिक कर मंत्री ब्रजेंद्रसिंह राठौर ने साफ कहा कि कर्ज को चुकाने के लिए सरकार को यह कदम उठाना पड़ा है। इसलिए लोगों को पेट्रोल-डीजल खरीदने पर ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी। मंत्री का कहना है कि बीती सरकार ने प्रदेश को ऐसी स्थिति में लाकर छोड़ा था, जहां से टैक्स में कमी करने की गुंजाइश ही नहीं है। हालांकि राज्य ईंधन को जीएसटी के दायरे में लाने का समर्थन भी कर रहा है।
इतना टैक्स चुकाते हैं प्रदेश वासी
राज्य के लोग पेट्रोल पर 28 फीसदी वैट, एक फीसदी सेस और 3.50 रुपये प्रति लीटर सरचार्ज देते हैं। इससे अन्य राज्यों के मुकाबले पेट्रोल की कीमत पांच रुपये प्रति लीटर से ज्यादा बढ़ जाती है। वहीं डीजल पर 18 फीसदी वैट, एक फीसदी सेस और दो रुपये प्रति लीटर सरचार्ज लगता है। इससे डीजल की कीमत अन्य राज्यों के मुकाबले 3.50 रुपये प्रति लीटर ज्यादा हो जाती है।
दिल्ली और भोपाल की कीमत में अंतर
दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 13 सितंबर को 71.89 रुपये प्रति लीटर है। वहीं भोपाल में इसकी कीमत 77.09 रुपये प्रति लीटर है। अगर डीजल की बात करें तो दिल्ली में इसकी कीमत 65.28 रुपये प्रति लीटर है। वहीं भोपाल में डीजल 68.65 रुपये प्रति लीटर है।
सीमावर्ती जिलों में असर
राज्य की सीमा उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ जैसे राज्यों से लगती है। इन राज्यों की सीमा से लगने वाले जिलों में पेट्रोल, डीजल की बिक्री में कमी हो गई है, क्योंकि यहां के निवासी इन राज्यों में जाकर के अपनी गाड़ियों की टंकी फुल करा लेते हैं।