भगवान शिव के इस मंदिर में 500 साल से जल रही है अखंड ज्योति श्रावण सोमवार को लगता है भक्तों का ताता

उत्कर्ष भार्गव
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शिवपुरी। जिले की पिछोर तहसील से 25 किमी दूर खोड़ क्षेत्र में लगभग 700 साल पुराना धाय महादेव मंदिर है, जो न केवल पिछोर बल्कि आसपास के एक सैकड़ा गांव के लोगों का आस्था का केंद्र है। सावन का महीना शुरू होते ही इस मंदिर पर भक्तों का तांता लग जाता है। इस मंदिर का नाम धाय महादेव इसलिए पड़ा, क्योंकि यहां एक धाय का विशाल वृक्ष था जिसके नीचे से शिवलिंग अपने आप प्रकट हुआ था इस शिवलिंग की यह विशेषता यह है कि इस पर चढ़ाया जाने बाला दूध ,घी कहा जाता है वह नजर नही आता है मंदिर को लेके एक कहानी और प्रचलित है कि यहा कई साल पहले भंडारा हो रहा था उसमे बनाई जा रही मिठाई के लिए घी कम पड़ गया तो लोगो ने मंदिर के समीप से निकलने बाली पेरकान नदी से पानी के टीन भरकर ले गए और जब उसे कड़ाई में डाला गया तो वह घी बन गया|
मंदिर परिसर में शिवजी के अलावा 9 देवियों के अलग-अलग मंदिर भी हैं। मंदिर के महंत ने बताया कि मंदिर पर पिछले 500 साल से अखंड ज्योति जल रही है। इस ज्योति के लिए खोड़ के गहोई समाज के लोग हर दिन घी देते हैं।जिसका मूल्य आज भी 1रु किलो होता है।इतना ही नहीं मंदिर में भगवान शिव का हर दिन अभिषेक किया जाता है। अभिषेक व शृंंगार की सामग्री खोड़ समाज के गहोई समाज के लोगों के घरों से इकट्ठी की जाती है। सावन का महीना शुरू होने के साथ ही मंदिर पर पूजा-अर्चना सहित अन्य धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन भी शुरू हो जाता है। और सावन के महीने में यहां पूरे महीने शिव अर्चन कार्यक्रम का आयोजन होता है और यहां विभिन्न विभिन्न प्रकार के शिव जी के शिवलिंग का निर्माण किया जाता है......