अनूठा धाम: बलारी माता के तीन रूपों का अनोखा दर्शन , हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु
शिवपुरी के ऐतिहासिक बलारी माता मंदिर है ,जहां मां बलारी की अनोखी और अद्भुत प्रतिमा स्थापित है। माता की इस प्रतिमा कंकाल के रूप में नजर आती है, जो इसे अन्य मंदिरों से अलग बनाता है। माता के इस स्वरूप को जाग्रत माना जाता है और भक्तों का विश्वास है कि वह भक्तों को समय-समय पर विभिन्न रूपों में दर्शन देती हैं—सुबह बाल रूप, दोपहर युवा रूप, और रात को वृद्ध रूप।
कथा के अनुसार, लाखा बंजारा नामक एक व्यक्ति ने इस मंदिर के स्थान पर माता के दर्शन किए। वह अपनी माल ढुलाई के दौरान एक झरने के पास रुका, जहां माता ने उनकी कन्या के साथ खेला। जब लाखा ने माता का पीछा किया, तो माता ने उसे निर्देशित किया कि वह पीछे मुड़कर न देखे। लेकिन जब लाखा ने ऐसा किया, तो माता ने बैलगाड़ी से उतरकर वहीं स्थायी रूप से प्रतिष्ठित हो गईं।
यह मंदिर न केवल धार्मिक महत्त्व रखता है, बल्कि भक्तों के लिए यह आस्था और विश्वास का भी प्रतीक है। अब यह स्थान लाखों भक्तों के लिए एक श्रद्धा स्थल बन चुका है, जहां वे माता के तीन रूपों के दर्शन करने आते हैं। इस प्रकार, बलारी माता मंदिर की इस अनोखी कहानी और प्रतिमा भक्तों के लिए विशेष आस्था का केंद्र बन गई है।
प्रयाग भारती मुख्य महंत बलारी माता मंदिर
ऐसा बताया जाता है कि झाला में बलारी मां बेटी के साथ खेला करती थी इसी दौरान एक दिन वह बैलगाड़ी से जा रही थी और उन्होंने लाखा बंजारे से कहा कि आप पीछे मुड़कर मत देखना लेकिन जैसे ही उन्होंने पीछे मुड़कर देखा तो बलारी मां इस स्थान पर स्थापित हो गई। चैत्र नवरात्रि के सातवें पर यहां विशाल मेला लगता है ऐसी मान्यता है कि भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है।
Tags:
शिवपुरी