शिवपुरी में सफाई कर्मचारियों का करोड़ों रुपए का फंड अटका , अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी शहर में बिगड़े हालात
शिवपुरी नगर पालिका में सफाई कर्मचारी 31 मार्च से हड़ताल पर हैं। आज एसडीएम और नगर पालिका अध्यक्ष समेत अधिकारियों ने सफाई कर्मचारियों के प्रतिनिधियों से बातचीत की। हालांकि, वार्ता का परिणाम शून्य रहा, और किसी भी बिंदु पर सहमति नहीं बनी। कर्मचारी बोले पहले समाधान चाहिए इसके बाद हड़ताल खत्म होगी।
कमल किशोर कौड़े, राष्ट्रीय अध्यक्ष वाल्मीकि समाज, ने कहा कि सफाई कर्मचारियों की मांगें अत्यधिक शोषणकारी हैं। कर्मचारियों का यह आरोप है कि उन्हें समय पर तनख्वाह नहीं मिल रही है, और उनके भत्तों का भी भुगतान नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि नगर पालिकाओं के द्वारा 1 जनवरी 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों के लगभग 70 करोड़ रुपये का फंड हड़प लिया गया है।
कर्मचारियों ने यह भी बताया कि उनके एनपीएस खाते में पैसे नहीं जमा किए जा रहे हैं, और एमपी में यह राशि पिछले 20 वर्षों में बढ़कर 70 करोड़ रुपये के आसपास पहुंच गई है। इसके लिए वे संघर्ष कर रहे हैं। पीएफ के 56 लाख रुपये का भी समझौता 14 फरवरी 2024 को हुआ था, लेकिन अब तक इसे निपटाया नहीं गया है।
नगर पालिका के सीएमओ, इशांत धाकड़, ने कहा कि कुछ बिंदुओं पर विमर्श हुआ है, जिनका समाधान किया जाएगा, जबकि अन्य बिंदु सरकार के पास जाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि सफाई कर्मचारी हड़ताल समाप्त नहीं करते हैं, तो उनके पास अन्य विकल्प नहीं रह जाएंगे।
एसडीएम उमेश कौरव ने बताया कि लगभग 20-22 बिंदुओं पर चर्चा की गई है और सहमति बनी है, लेकिन सफाई कर्मचारियों को निर्णय लेना है कि वे कब तक हड़ताल जारी रखेंगे। उनके कई मुद्दों, जैसे 8 घंटे की ड्यूटी, नियमितीकरण और पेमेंट, का समाधान नगर पालिका और शासन स्तर पर किया जाएगा, लेकिन इसके लिए समय लगेगा।
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