अतिथि शिक्षकों का आंदोलन स्थगित कुछ मांगों पर सरकार से सहमति
मध्यप्रदेश - राजधानी भोपाल में हजारों अतिथि शिक्षकों ने प्रदर्शन कर सीएम हाउस को घेरने की कोशिश की थी। शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर भोपाल के अंबेडकर पार्क से सीएम हाउस तक तिरंगा यात्रा निकाली ली। जिसके बाद शिक्षा विभाग के साथ अतिथि शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल की बैठक हुई है।
जानकारी के अनुसार अतिथि शिक्षकों और शिक्षा विभाग की बैठक में कुछ मुद्दों पर सहमति बन गई है। शिक्षा विभाग ने नियमितीकरण को छोड़कर अन्य मांगों पर सहमति बनी है। अतिथि शिक्ष जल्द ही एक पत्रकार वर्ता कर बैठक की जानकारी देंगे। बताया जा रहा है कि बैठक में अतिथि शिक्षक अपनी मांग पर अड़े थे, लेकिन शिक्षा विभाग ने बीच का रास्ता निकालकर शिक्षकों के कुछ मुद्दों पर सहमति दी है।
इन मुद्दों पर बनी सहमति
बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग और अतिथि शिक्षकों की बैठक में अतिथि शिक्षकों का 10 माह का सेवाकाल/अनुबंध करने पर सहमति जताई है। वही बीच सत्र में शिक्षकों को बाहर नहीं किया जाएगा। रिटायर्ड शिक्षकों की भांति स्कोर कार्ड में अनुभव अंक जोड़ा जायेगा। बाहर हुए अतिथि शिक्षकों को चॉइस फीलिंग में प्राथमिकता दी जाएगी। जनजातीय का ऑनलाइन पोर्टल बनाया जायेगा। समेत कई मुद्दो पर सहमति बनी है।
शिक्षकों ने किया था प्रदर्शन
आपको बता दें कि अतिथि शिक्षक 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के मौके पर तिरंगा यात्रा निकालने वाले थे, लेकिन सीएम मोहन के पिता के देहांत को लेकर कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया था। लेकिन अब अतिथि शिक्षकों ने हल्ला बोल दिया है। शिक्षकों का कहना है कि वे अपने भविष्य की चिंता को लेकर मजबूर है। कई अतिथि शिक्षक की तंगी हालातों का समाना कर रहे है। तो कई शिक्षक आत्महत्या कर चुके है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अतिथि शिक्षकों के लिए भाजपा में शामिल हुए थे। वर्तमान में उनकी सरकार है, लेकिन इसके बाद भी शिक्षकों की हालत जस के तस है। पिछली सरकार ने हमें नियमित करने का वादा किया था, लेकिन इस सबंध में कोई आदेश आजतक जारी नहीं किया गया। पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने अतिथि शिक्षकों को नियमित करने और प्रमोशन देने का भी वादा किया था, लेकिन उसका भी कुछ नहीं हुआ।
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