बड़ा सवाल : क्या अंतिम चुनाव का फॉमूला लेकर हरिबल्लभ शुक्ला उपचुनाव में हो पायेगी नैया पार
दलबदल के महाजाल में फंसे प्रत्याशी को समर्थन देकर कहीं ठगा सा महसूस ना हो जाए मतदाता
उत्कर्ष भार्गव
शिवपुरी/पोहरी. शिवपुरी जिले की पोहरी विधानसभा में इस बार एक बार फिर से जनता के बीच चौथी बार कांग्रेस प्रत्याशी के रूप मे हरिबल्लभ शुक्ला उप चुनाव के मैदान में है और इस बार वह किसी जोश-खरोश में नहीं बल्कि अपनी ढली उम्र के पायदान को देखते हुए जनता से भावुक अपील कर वोट मांग रहे है ओर केवल हरिबल्लभ शुक्ला ही नहीं बल्कि उनके लिए तो मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ व पूर्व मंत्री विधायक पिछोर केपी सिंह कक्काजू भी हरिबल्लभ शुक्ला के लिए मतदाताओं के बीच पहुंचकर उन्हें जिताने की अपील करते हुए अंतिम चुनाव की अपील कर वोट मांग रहे है लेकिन क्या यह अंतिम चुनाव की अपील मतदाताओं पर अपना कोई असर दिखाएगी अथवा कहीं ऐसा ना हो जाए कि दलबदल के रूप में पहचाने जाने वाले इस चेहरे के बीच मतदाता अपना समर्थन देकर स्वयं को ठगा सा महसूस ना कर ले, हालांकि अभी भी उप चुनाव के मतदान में समय शेष है और इस बचे हुए समय में मतदाता स्वयं अपने विवेक से ऐसा प्रत्याशी चुनना चाहेगा जो कहीं ना कहीं अंतिम चुनाव का बहाना तो नहीं लेकिन क्षेत्र के विकास के लिए समर्पित होने वाला विधायक चाहिए होगा।
बता दें कि जब से पोहरी विधानसभा में चुनाव की दुमदुमी बजी है और कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में भाजपा के सुरेश रांठखेड़ा के सामने एक बार फिर से 2018 के आम चुनाव में पराजित हुए कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस ने सभी कार्यकर्ताओं को निराश करते हुए हरिबल्लभ शुक्ला को उप चुनाव के मैदान में उतार दिया, जबकि हरिबल्लभ शुक्ला के कांग्रेस प्रत्याशी घोषित होने का पोहरी क्षेत्र के ही सैकड़ों कांग्रेसी खुलकर विरोध दर्ज करा चुके है और इसके लिए उन्होंने स्वयं मप्र कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ से शिकायत भी की थी बाबजूद इसके कांग्रेसियों के विरोध का दरकिनार कर हरिबल्लभ शुक्ला को कांग्रेस से टिकिट दे दिया गया और अब परिणाम यह है कि कांग्रेस के ही कई मुख्य चेहरे पूरे विधानसभा से ही नदारद है तो कई कांग्रेसियों ने हरिबल्लभ के टिकिट वितरण सेे क्षुब्ध होकर कांग्रेस पार्टी छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया और अब वह राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा प्रत्याशी सुरेश रांठखेड़ा के लिए कमल के फूल पर बटन दबाने को लेकर जनता से वोट मांग रहे है। अब इन हालातों के बीच पोहरी विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशि हरिबल्लभ शुक्ला ने चुनाव प्रचार की शुरूआत् से ही अपने जनसंपर्क कार्यक्रम में इस चुनाव को ही अंतिम चुनाव का नाम दे दिया और कहते नजर आ रहे है यह उनका आखरी चुनाव है ओर यही बात कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने भी पोहरी विधानसभा में हरिबल्लभ शुक्ला के समर्थन में उपस्थित आमसभा में जनता से कही और अपील कि इस बार हरिबल्लभ शुक्ला का यह विधानसभा का अंतिम चुनाव है इसलिए अब जब राजनीतिक रूप से विदाई देना है तो जोरदार वोटों के साथ विदाई दे और कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी हरिबल्लभ शुक्ला को अपना मत जरूर प्रदान करे परंतु अब देखना होगा कि अंतिम चुनाव का फार्मूला लेकर क्या हरिबल्लभ शुक्ला उपचुनाव में हो पायेगी नैया पार। इन हालातों में देखना होगा कि जनता के लिए अंतिम चुनाव वाला प्रत्याशी कारगर साबित होता है अथवा वह प्रत्याशी भाजपा के सुरेश रांठखेड़ा जो पोहरी क्षेत्र को राज्यमंत्री के तमगे से रोशन कर चुके है इसके अलावा विकल्प में बहुजन समाज पार्टी से कैलाश कुशवाह तो राष्ट्रीय वंचित पार्टी से एड.विनोद धाकड़ और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पांच साल का कार्यकाल पूर्ण कर चुके जनपद अध्यक्ष पारम सिंह रावत भी उप चुनाव के मैदान में है। पोहरी की जनता के लिए अब आने वाली 3 नवम्बर को किस ओर अपने मत का रूख करेगी फिलहाल यह भविष्य के गर्त में है और इसका परिणाम जब निकलकर 10 नवम्बर को सामने आएगा तब सामने आएगा कि जनता ने किसे अपने सिरमौर बनाया है और किसे अपने पसंद का प्रत्याशी चुना यह मतपेटियां बताऐंगी।